School Teacher कैसे बनते है |

आज के इस पोस्ट में जानेंगे की स्कूल टीचर कैसे बनते है( How to become a Schhool Teacher in hindi)। टीचिंग एक बेस्ट कॅरिअर है खास करके इंडिया जैसी कंट्री में जहा एजुकेशन की बहोत जरुरत है ग्रोथ और मोदेनाइज़ेसन के लिए. अच्छे टीचर या इंस्ट्रक्टर की हमेशा ही उची डिमांड होती है. अगर आप भी टीचर बनके पढ़ाने का रास्ता पसन्द करना चाहते है तो ये आर्टिकल आपके काम का है.  कही लोगो का सपना स्कूल टीचर बनने का होता है. अगर आप भी उसी में से हे तो आज हम आपको बताएँगे की आप कैसे स्कूल टीचर बन सकते है. आज हम आपको बताएँगे की आपको कोनसी पोस्ट के लिए कोनसी क्वालिफिकेशन चाहिए और कोनसी कोनसी टेस्ट होती हे, कोनसी एग्जाम आपको पास करनी पड़ेगी सबकुछ.

अनुक्रम

स्कूल का श्रेनी बिभाग

जैसे की हम सब  स्कूल टीचिंग के मैन तीन फेज होते हे. जिसमे प्राइमरी एजुकेशन  सेकेंडरी  एजुकेशन एंड  सीनियर  सेकेंडरी  एजुकेशन शामिल है.

Primary schools

प्राइमरी स्कूल में 1st  ग्रेड से लेके 8th  ग्रेड तक पढ़ाया जाता है.

Secondary school

Secondary स्कूल में 9th  एंड 10th  एसटीडी को पढ़ाया जाता है.

Senior secondary schools

Senior secondary स्कूल्स में 11 एंड 12th को पढ़ाया जाता है.

तो  ये मैन तीन फेज है.

INDIA मै या अबॉर्ड मै स्कूल टीचर बनने के लिए तीन मेथड है.इसमें पब्लिक और प्राइवेट दोनों ही स्कूल का ज़िक्र किया गया है.

तो सबसे पहले हम आपको फर्स्ट मेथड के बारे में बताते है.

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1.Teaching Primary or Secondary School


school

[wps_dropcap size=”1″ color=”#ffffff” background=”#35ce8d” border=”0 none” radius=”0″]1[/wps_dropcap]Determine which level you’d like to teach

जैसे की हमने आपको बताया है की प्राइमरी लेवल में 1st  ग्रेड से लेके 8th  ग्रेड(ages 14-16) तक कवर किया जाता है और सेकेंडरी लेवल पे 9th  एंड 10th  ग्रेड(ages 16-18) को कवर किया जाता है.

ये आपको तैय करना पड़ेगा की आप कोनसे लेवल में पढ़ाना पसंद करेंगे.है मगर   ये जरूर ध्यान में रखना की जैसी जैसे  लेवल बढ़ेगा आपके बेनिफिट्स भी बढ़ेंगे और उसके साथ साथ आपको ज्यादा क्वॉलिफाइड भी होना पड़ेगा क्युकी आपको एडवांस कोर्स पढ़ाना पड़ेगा.

[wps_dropcap size=”1″ color=”#ffffff” background=”#35ce8d” border=”0 none” radius=”0″]2[/wps_dropcap]Decide which subject you’d like to teach.

इस लेवल पे आपको decide  कर लेना चाहिए की आप कोनसा सब्जेक्ट पढ़ाना पसंद करेंगे.वैसे अर्ली प्राइमरी स्कूल टीचर को स्पेसिलाइज़ होने की ज़रूरत तो नहीं है पर आपको कोई एक सब्जेक्ट पढ़ाना पसंद हे तो आपको उस सब्जेक्ट की बेचलर की डिग्री चाहिए.

प्राइमरी स्कूल में निचे दिए गए सब्जेक्ट होते है.

Reading, writing, arithmetic, social science, science, and English.

और सेकेंडरी स्कूल में

Hindi, English, foreign languages, math, science and technology, history, geography, civics, art, physical education, and health  .जैसे सब्जेक्ट होते हे .इसके आलावा elective vocational training and music  भी होते है.

[wps_dropcap size=”1″ color=”#ffffff” background=”#35ce8d” border=”0 none” radius=”0″]3[/wps_dropcap]Get an appropriate teaching degree

यहाँ पे तीन लेवल की डिग्री है.डिप्लोमा,बेचलर,और मास्टर एजुकेशन.अगर आप प्राइमरी लेवल पे पढ़ाना चाहते हे तो आपको मिनिमम  Diploma (D.Ted.) की डिग्री चाहिए.

अगर आप सेकेंडरी लेवल पे पढ़ाना चाहते है तो आपको मिनिमम Bachelor’s (B.Ed.) की डिग्री चाहिए. Master’s (M.Ed.) की ज़रूरत  को सिर्फ स्पेशलाइजेशन के लिए और प्रमोशन के लिए चाहिए होगी.D.Ted. और B.Ed. प्रोग्राम जनरली 2 साल के होते है.M.Ed. प्रोग्राम एक साल का होता हे. याद्द रखिये की इन् तीन डिग्री में एडमिशन लेने के लिए आपको अलग अलग क्वालिफिकेशन की ज़रूर होगी. जैसे की D.Ted. के लिए आपको मिनिमम 12th  पास किया होना चाहिए किसी भी स्ट्रीम से.

और B.Ed. की कॉलेज में एडमिशन लेने के लिए आपको मिनिमम ग्रेजुएशन  (आर्ट्स और साइंस) किया होना जरुरी हैऔर M.Ed. के लिए आपका मिनिमम क्वालिफिकेशन B.Ed. ही है.

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[wps_dropcap size=”1″ color=”#ffffff” background=”#35ce8d” border=”0 none” radius=”0″]4[/wps_dropcap]Decide between private and public education.

प्राइवेट स्कूल में टीचर बनना जनरली आसान होता हे क्युकी आपको काम क्वालिफिकेशन चाहिए होगा और उसकी वेकन्सी भी बहोत होती हे.

गवर्मेंट स्कूल में भारती होने के लिए आपके पास अच्छा क्वालिफिकेशन होना ज़रूरी हे.क्युकी उसके लिए टेस्ट ली जाएगी और उसके लिए वेकन्सी कम और एप्लीकेशन बहोत ज्यादा होगी. और गोवेर्मेंट स्कूल में टीचर भरती करने के नॉर्म्स को मैंटेन किया जाता है वैसा प्राइवेट स्कूल में अक्षर नहीं होता.

और पब्लिक स्कूल में हमेशा आपको ज्यादा बेनिफिट मिलेगा.  वैसे ही प्राइवेट और पब्लिक स्कूल में अलग अलग बैकग्राउंड से बचे आते है.जनरली प्राइवेट स्कूल में अछि इनकम वाले पेरेंट्स के बचे आते है.और वो पहले से काफी prepared  होते है पढ़ाई के लिए.

[wps_dropcap size=”1″ color=”#ffffff” background=”#35ce8d” border=”0 none” radius=”0″]5[/wps_dropcap]Pass a qualifying exam

हर एक स्टेट की TET(Teacher Eligibility Test )की एग्जाम होती है.और इसके आलावा आपको Central Teacher Eligibility Test (CTET) को भी पास करना जरुरी है गोवेर्मेंट और कुछ प्राइवेट स्कूल में भरती होने के लिए.

the National Council for Teacher Education (NCTE) offers preparatory curriculum for the exam and determines the minimum eligibility requirements for each year.

[wps_dropcap size=”1″ color=”#ffffff” background=”#35ce8d” border=”0 none” radius=”0″]6[/wps_dropcap]Look for teach abroad programs.

अगर आप फॉरेन नेशनल हे तो वह की कही सारि स्कूल टेम्पररी टीचिंग ऑफर करते हे इंडियन स्कूल में.जनरली ये वर्क  वोलंटरी,मिनिमल  पेड , or वेतन  होता है ट्रावेल और लिविंग एक्सपेंस जितना.

कही सारि गोवेर्मेंट आर्गेनाइजेशन जैसे की ब्रिटिश कौंसिल अबॉर्ड प्रोग्राम सीखाते है. Go Overseas also has a searchable index of current teach abroad opportunities that is searchable by country and job category:

[wps_button style=”bordered” url=”https://www.gooverseas.com/teaching-jobs-abroad” target=”self” background=”#2D89EF” color=”#FFFFFF” size=”13″ icon=”home” wide=”no” position=”center” radius=”0″ text_shadow=”0px 1px 1px #000″ rel=”nofollow” title=”Default Button” id=”default-button”]Official Site[/wps_button]

2.Teaching Higher Education


school (2)

[wps_dropcap size=”1″ color=”#ffffff” background=”#35ce8d” border=”0 none” radius=”0″]1[/wps_dropcap]Get the relevant degree(s).

इंडिया में  University Grants Commission हायर एजुकेशन के लिए नॉर्म्स सेट करते है.और साथ साथ ये भी तैय करता है की कोनसा मिनिमल  क्वॉलिफिकेशन्स जरुरी है. आनेवाले assistant professors को मिनिमम   Master’s डिग्री का सर्टीफिकेटे चाहिए होगा. अगर आपके पास PHD  की डिग्री होगी तो बेटर रहेगा.

ये जरूर ध्यान में रखना की अगर आपको प्रमोशन चाहिए होगा तो PHD  की डिग्री बहोत जरुरी होगी.

[wps_dropcap size=”1″ color=”#ffffff” background=”#35ce8d” border=”0 none” radius=”0″]2[/wps_dropcap]Ensure you have a good academic record.

डिग्री के आलावा आपको आपका academic रिजल्ट भी देना पड़ेगा जो आपके मार्क्स और उसके साथ आपकी हर एक सब्जेक्ट की कैपेसिटी बताएगा. इंडियन यूनिवर्सिटी आपके रिजल्ट का एनालिसिस आपकी ग्रांटिंग यूनिवर्सिटी के रूल्स के तहत करेगा.

[wps_dropcap size=”1″ color=”#ffffff” background=”#35ce8d” border=”0 none” radius=”0″]3[/wps_dropcap]Secure academic publications.

assistant professor की पोसिशन्स के लिए आपको कोई मिनिमम   पब्लिकेशंस की जरुरत नहीं है.इसके लिए आपका आपकी फील्ड में ओरिजनल रिसर्च और रिसर्च पेपर ही काफी हे. प्रोमोशंस के लिए आपको मिनिमम नम्बर के  qualifying academic publications (5 for associates, 10 for full professors) चाहिए होंगे.

[wps_dropcap size=”1″ color=”#ffffff” background=”#35ce8d” border=”0 none” radius=”0″]4[/wps_dropcap]Take the necessary test.

अगर आपके पास सिर्फ मास्टर डिग्री ही है तो आपको क्वालीफाइंग  एग्जाम पास करनी पड़ेगी इंडियन यूनिवर्सिटी में पढ़ाने के लिए.आप या तो University Grants Commission’s National Eligibility Test (NET) या

one of the UGC’s approved equivalent exams, such as the SLET/SET (the State Eligibility Test for the appropriate region in which the university is located) दे सकते है. अगर आपने PHD  qualifying  हे तो आपको ये टेस्ट देने की जरुरत नहीं हे.

[wps_dropcap size=”1″ color=”#ffffff” background=”#35ce8d” border=”0 none” radius=”0″]5[/wps_dropcap]Search for faculty positions.

अब्ब आपको ये ध्यान में रखना पड़ेगा की कहा पे कोनसी पोस्ट ख़ाली हो रही है.ये जानकारी आपको न्यूज़ पेपर या फिर आपको यूनिवर्सिटी की साइट पे से मिलती रहेगी.उसके आलावा कुछ वेबसाइट है जैसे की IndianFaculty.com.

वगेरे पे खाली पोस्ट की लिस्टिंग रहती है.

हर जॉब की नीड्स,रिस्पांसिबिलिटी और application प्रोसेस की डिटेल होगी.अगर आपको सही लगता है तो ही आप अप्लाई करना.

3.Teaching English as a Second Language


Teacher आप as a टीचर अपना कॅरिअर इंग्लिश टीचर के तहत भी बना सकते है.

[wps_dropcap size=”1″ color=”#ffffff” background=”#35ce8d” border=”0 none” radius=”0″]1[/wps_dropcap]Research teach abroad programs.

इंडिया की ग्रोइग इकॉनमी के साथ साथ इंग्लिश टीचर की जरुरत भी बढ़ रही है.क्युकी इंडिया में इंग्लिश का बहोत महत्त्व है.यहाँ पे कही सारि पोसिशन्स अवेलेबल है जैसे की oreign nationals in nonprofits, primary schools, language schools, international schools, and companies में.

कही सरे प्रोग्रा होते है.आप हर एक का रिव्यु जरूर जान लेना.उसमे से जो आपको सही लगे उसीको आप ज्वाइन करना.अगर आप इंडिया में ही रहना चाहते हे तो आपको अलग प्रोग्राम ज्वाइन करना पड़ेगा.

[wps_dropcap size=”1″ color=”#ffffff” background=”#35ce8d” border=”0 none” radius=”0″]2[/wps_dropcap]Take location into consideration.

इंडिया एक बहोत बड़ी कंट्री है.आप कीसी भी प्रोग्राम मैं जुड़ने से पहले उस जगा का पता करले.जैसे की वह का मौसम ,क्लाइमेट,जियोग्राफी.और उससे भी खास आपको ये जानना जरुरी है की वो रूरल एरिया में है या अर्बन एरिया में और आपको कोनसा  पसंद है.

आज के दिन लगभग 70 % people  इंडिया में गांव में रहते है जहा पे एजुकेशन की खास जरुरत है. जनरली Rural Area में कम डेवेलोपमेंट होता है.वह पे वो सारि सुविधा उपलब्ध नहीं होती जैसे की ट्रांसपोर्टेशन,कम्युनिकेशन  ,वगेरे. उसके साथ साथ आपको ये देखना भी जरुरी है की आपको कोनसे एकोमोडेशन मिल रहे हे.

[wps_dropcap size=”1″ color=”#ffffff” background=”#35ce8d” border=”0 none” radius=”0″]3[/wps_dropcap]Decide on a timeline.

हर एक प्रोग्राम की अलग अलग टाइम लाइन होगी.कुछ प्रोग्राम कुछ महीने के होंगे कुछ साल के भी होंगे.

अगर आप के पास कम समय हे तो आप छोटा प्रोग्राम सीलेक्ट कर सकते है और उसके आलावा अगर आपको वहा की सिचुएशन का अंदाज़ा नहीं है तो पहले शॉर्ट प्रोग्रांम सेलेक्ट करिये.

[wps_dropcap size=”1″ color=”#ffffff” background=”#35ce8d” border=”0 none” radius=”0″]4[/wps_dropcap]Pick a teaching level.

आप किसे पढ़ाना पसंद करेंगे.kids or adults, students or professionals?

आप इसके बारे में अचे से सोचिये की कोनासा लेवल आपके लिए अच्छा है.

[wps_dropcap size=”1″ color=”#ffffff” background=”#35ce8d” border=”0 none” radius=”0″]5[/wps_dropcap]Decide if you’re looking for a volunteer or paid gig.

कही सारे  प्रोग्राम पेड होते है और कही volunteer  होते है. अगर आप शॉर्ट टर्म के लिए जा रहे है तो वालंटियर राइट हो सकता है.और अगर आप लॉन्ग टर्म के लिए जा रहे है और अगर आपको बेसिक इनकम चाहिए तो आपको पेड प्रोग्राम में  जाना होगा.  तो ये तीन मेथड थी टीचर बनने के लिए.

अब हम जानते है TET  यानि Teacher Eligibility Test  के बारे मै

ये टेस्ट स्टेट लेवल पे ली जाती है. .हर स्टेट मै TET  की एग्जाम के सरे रूल्स सेण्टर के एक आयोग NCTE  के तहत तैय किये जाते है.

हर एक स्टेट के कुछ अलग अलग सिलेबस होंगे इसीलिए यहाँ पे हम इसकी चर्चा नहीं कर रहे आप इसके बारे में स्टेट की ओफिसिअल वेबसाइट से पता कर सकते है.

TET  के दो पेपर होता है अलग अलग क्लास मै पढ़ाने के लिए.

TET Paper I- Structure and Content (All Compulsory): (Class I to V)

[wps_table style=”default”]

(i) Child Development and Pedagogy  30 MCQs 30 Marks
(ii) Language I  30 MCQs 30 Marks
(iii) Language II  30 MCQs 30 Marks
(iv) Mathematics  30 MCQs 30 Marks
(v) Environmental Studies  30 MCQs 30 Marks
Total  150 MCQs 150 Marks

[/wps_table]

TET  Paper II Duration of examination – one-and-a-half hours –  (for classes VI to VIII):

[wps_table style=”default”]

(i) Child Development and Pedagogy  30 MCQs 30 Marks
(ii) Language I  30 MCQs 30 Marks
(iii) Language II  30 MCQs 30 Marks
(iv)Mathematics and Science  30 MCQs 30 Marks
(v) (a) Environmental Studies

(b) Social Science

 30 MCQs 30 Marks
Total  150 MCQs 150 Marks

[/wps_table]

हम आपको बताएँगे की आप कैसे TET  से जुडी एग्जाम की तयारी कर सकते है.

आप ऊपर दिए गए सब्जेक्ट की तयारी करने के लिए निचे दिए गए पॉइंट्स ध्यान मै रखिये.

[wps_dropcap size=”1″ color=”#ffffff” background=”#35ce8d” border=”0 none” radius=”0″]1[/wps_dropcap]नोट्स बना कर पढ़ाई करें।

जो भी सब्जेक्ट आप जहा से भी पढ़ रहे हो उसकी एक आप अपनी समझ के हिसाब से अपनी भासा मै नोट बनाये.क्युकी एन्ड टाइम पे आपको ये रिविज़न करने मै मदद करेगा.

[wps_dropcap size=”1″ color=”#ffffff” background=”#35ce8d” border=”0 none” radius=”0″]2[/wps_dropcap]सिलेबस के बारे में अच्छे से जाने।

जैसे की हमने आपको बताया की हर एक स्टेट के अपने सब्जेक्ट है और उस हिसाब से उनका सिलेबस अलग है इसीलिए पहले आपको इन सब्जेक्ट के सिलेबस के  बारे मै अछि तरह से जानना होगा.क्युकी अगर आप उस सब्जेक्ट के रिलेवेंट टॉपिक नहीं पढ़ेंगे तब तक आप TET  पास नहीं कर सकते.

[wps_dropcap size=”1″ color=”#ffffff” background=”#35ce8d” border=”0 none” radius=”0″]3[/wps_dropcap]टाइम टेबल के हिसाब से पढ़ाई करें।

आप एक फिक्स्ड टाइम टेबल बनाइये.टाइम टेबल आपके पास कितना समय है,आपको कितना समय लगता है कितना सिलेबस ख़तम करने मै और फिर आपको कोनसा समय ज्यादा पसंद है पढ़ाई के लिए उस हिसाब से बनाना चाहिए.

[wps_dropcap size=”1″ color=”#ffffff” background=”#35ce8d” border=”0 none” radius=”0″]4[/wps_dropcap]टाइम टेबल पर ध्यान दें।

टाइम टेबल बना देने के बाद सबसे बड़ी समस्या होती है कि हम उस में अपने सब्जेक्ट को किस प्रकार फिट करें क्योंकि हम कुछ सब्जेक्ट हमारे पहले से ही तैयार होते हैं थोड़ा सा ध्यान उन पर भी देना होता है और कुछ सब्जेक्ट बिल्कुल भी तैयार नहीं होते हैं उन पर हमें बहुत ज्यादा ध्यान देना होता है.

जैसे की अगर आपने  मैथमेटिक्स अछि तरह से पढ़ी है और उसमे आपको कम समय लग रहा है.और Environmental स्टडीज मै आपको ज्यादा समय चाहिए तो आप अपना टाइम टेबल चेंज कर सकते है.

[wps_dropcap size=”1″ color=”#ffffff” background=”#35ce8d” border=”0 none” radius=”0″]5[/wps_dropcap]टाइम टेबल को सब्जेक्ट के हिसाब से बनाए।

आपका टाइम टेबल आपके पास कितने सब्जेक्ट है पढने के लिए और उनके सिलेबस के हिसाब से आपको कितना समय लगेगा और उसके साथ साथ  आपके पास एग्जाम के लिए कितना समय बाकि है उस हिसाब से टाइम टेबल बनाना पड़ेगा.

[wps_dropcap size=”1″ color=”#ffffff” background=”#35ce8d” border=”0 none” radius=”0″]6[/wps_dropcap]वीक सब्जेक्ट पर ज्यादा ध्यान दें।

जो भी सब्जेक्ट आपको लगता है कि यह आपके बिल्कुल भी वश में नहीं है उसकी तैयारी में विशेष ध्यान दें क्योंकि अगर आप अपने कमजोर सब्जेक्ट पर ध्यान नहीं देंगे तो वही आप को ले डूबेगा अपने वीक सब्जेक्ट के लिए विशेष तैयारी करें और उस पर ज्यादा ध्यान दें।

[wps_dropcap size=”1″ color=”#ffffff” background=”#35ce8d” border=”0 none” radius=”0″]7[/wps_dropcap]स्ट्रांग सब्जेक्ट पर कम ध्यान दें।

जिस प्रकार से विक सब्जेक्ट पर अधिक ध्यान देने की जरूरत होती है उसी प्रकार से अपने मजबूत सब्जेक्ट पर कम ध्यान देने की जरूरत होती है क्योंकि हम अपने सब्जेक्ट्स को ईमानदारी से बराबर टाइम नहीं बांट सकते हैं क्योंकि जो विषय हमारे बहुत मजबूत है उसके ऊपर हम ज्यादा ध्यान नहीं दे सकते।

[wps_dropcap size=”1″ color=”#ffffff” background=”#35ce8d” border=”0 none” radius=”0″]8[/wps_dropcap]टेस्ट प्रैक्टिस करें।

ऑनलाइन आपको टेस्ट की प्रैक्टिस करने के लिए बहुत सी वेबसाइट मिल जाएगी। जो आपके विषय की तैयारी भी कराएगी और साथ ही आपके टाइम और आपके कार्य क्षमता का आकलन करने में आपकी मदद भी करेगी इससे आप यह जान सकते हैं कि आप कितने समय में कितने सवाल हल कर सकते हैं और किस विषय में आप कितने अंक हासिल करने की क्षमता रखते हो।

[wps_dropcap size=”1″ color=”#ffffff” background=”#35ce8d” border=”0 none” radius=”0″]9[/wps_dropcap]पोस्टिक आहार और नींद।

अच्छी पढ़ाई करने के लिए यह बहुत जरूरी हो जाता है कि आप अपनी नींद का भी ध्यान रखें और पर्याप्त नींद ले और अपने आहार का विशेष ध्यान रखें।

मैं समझता हूं कि ऊपर दिए गए सुझाव आपके काफी काम के हैं और आप उन पर अमल करके अपने आप को केंद्र सरकार के किसी न किसी विभाग में जरूर पास हो कर दिखाएंगे।

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